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Saturday, July 27, 2024

अचानक आई बाढ़ से सिक्किम में हुई है जबरदस्त तबाही, सेना के 10 जवानों समेत अब तक 34 शव बरामद

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भोंपूराम खबरी। सिक्किम में अचानक से आई बाढ़ ने राज्य में जबरदस्त तबाही मचाई है। इस बाढ़ की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है और अभी भी कई लोग लापता हैं। जानकारी के अनुसार, बाढ़ के बाद गाद और मलबे से अब तक सेना के 10 जवानों सहित 34 शव बरामद किए गए हैं, जबकि 105 से अधिक लोगों की तलाश जारी है जो अब भी लापता हैं। वायु सेना ने हिमालयी राज्य सिक्किम में बचाव और राहत अभियान शुरू कर दिया है और फंसे हुए पर्यटकों के पहले जत्थे को लाचेन से उत्तरी सिक्किम के मंगन तक पहुंचाया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने सशस्त्र बलों के साथ समन्वित राहत और बचाव कार्यों के लिए मुख्य सचिव वीबी पाठक, गंगटोक पहुंचे थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।

पश्चिम बंगाल में भी निकाले गए शव

सिक्किम में 34 लोगों की मौत की सूचना के अलावा निकटवर्ती उत्तरी पश्चिम बंगाल में जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने कहा कि तीस्ता नदी के निचले हिस्से से 40 शव निकाले गए हैं। हालांकि, अधिकारियों ने आगाह किया कि दोनों राज्यों द्वारा बताए गए आंकड़े में कुछ दोहराव हो सकता है। सिक्किम के पाकयोंग जिले में सबसे अधिक 22 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 10 सेना के जवान शामिल हैं। इसके बाद गंगटोक में छह, मंगन में चार और नामची में दो लोग मारे गए हैं। मंगन जिले में ल्होनक झील पर बादल फटने के छह दिन बाद कुल 105 लोग लापता हैं। बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई, जिससे हिमालयी राज्य के चार जिलों में नदी बेसिन के कई शहरों में बाढ़ आ गई।

बाढ़ से प्रभावित हुए 85 हजार से ज्यादा लोग

 

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बुलेटिन के अनुसार, लापता लोगों में से 63 पाकयोंग से, 20 गंगटोक से, 16 मंगन से और छह नामची से हैं। कच्चे और पक्के दोनों तरह के 3,432 मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कुल 5,327 लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। कुल 14 पुल या तो बह गए या जलमग्न हो गए, जिससे राज्य में सड़क संपर्क प्रभावित हुआ। अचानक आई बाढ़ से कुल 6,505 लोग बेघर हो गए हैं और उन्होंने चार जिलों में 26 राहत शिविरों में शरण ली है। अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 85,870 थी। इस बीच, मुख्यमंत्री तमांग ने अपने आधिकारिक आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई जहां उन्होंने मुख्य सचिव वीबी पाठक, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और अन्य अधिकारियों के साथ चल रहे राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की।

वायुसेना ने शुरू किया है बचाव व सहायता अभियान

 

एक अधिकारी ने बताया कि बैठक रक्षा बलों के साथ मिलकर फंसे हुए लोगों को तेजी से बचाने के उपायों पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि भारतीय वायु सेना ने सिक्किम में मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू कर दिया है और लाचेन से मंगन तक फंसे पर्यटकों के पहले जत्थे को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित जगह पहुंचाया है। इसने लाचेन तक आपातकालीन सेवा कर्मियों और आवश्यक साजो सामान भी पहुंचाया। पहले जत्थे में बचाए गए पर्यटकों की कुल संख्या तुरंत ज्ञात नहीं है, लेकिन अभियान में इस्तेमाल किए गए एमआई-17 हेलीकॉप्टर की क्षमता 25-30 लोगों को ले जाने की है। रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘वायुसेना दिवस पर वायुसेना ने सिक्किम के बाढ़ पीड़ितों के लिए वायु सेना अड्डा बागडोगरा से मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान शुरू किया।’’

उन्होंने कहा कि वायु सेना ने रविवार से चिनूक और एमआई 17 वी5 हेलीकॉप्टरों द्वारा गरुड़ कमांडो, संचार उपकरण, ईंधन, दवाएं, खोज और बचाव उपकरण राज्य में पहुंचाना शुरू कर दिया है। अधिकारी ने कहा कि पूर्वी वायु कमान मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) कार्यों का समन्वय कर रही है। उन्होंने कहा कि वायुसेना बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसने इस छोटे से हिमालयी राज्य को तबाह कर दिया है। रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘मौसम की स्थिति में सुधार होते ही फंसे हुए पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए हेलीकॉप्टरों को तैयार रखा गया है।’’

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