भोंपूराम खबरी। दुनिया भर की स्पेस एजेंसीज अंतरिक्ष में नई-नई खोज को लेकर समय-समय पर सामने आती रहती हैं। इसी कड़ी में इस बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्था अंतरिक्ष में एक नया इतिहास रचने तैयार है। इसके लिए ISRO ने हाल ही में एक टेस्ट किया है, जिससे भविष्य की रणनीति बनाई गई है। आइये विस्तार से जानते हैं इस मिशन के बारे में और क्या है यह पूरा मामला।
ISRO का गगनयान मिशन
इसरो गगनयान मिशन पर जोरों-शोरों से काम कर रहा है। इसरो का यह मिशन यदि कामयाब होता है तो अंतरिक्ष में भारत का नाम इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा। यह मिशन नया नहीं है, बल्कि 5 साल पुराना है। 15 अगस्त 2018 को लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका एलान किया था।
यह मिशन बहुत खास होने वाला है। गगनयान मिशन के तहत भारत लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। सबसे पहले तीन लोगों को अंतरक्षि में भेजने का प्लान है। भेजे गए लोग अंतरिक्ष में पृथ्वी की नीचली कक्षा में चक्कर लगाएंगे। अंतरक्षि में भेजे गए लोग कुल तीन दिनों तक रहेंगे। हालांकि, इससे पहले यह मिशन 7 दिनों के लिए था, लेकिन अब इसे घटाकर तीन दिन कर दिया गया है।
यह मिशन भारत के लिए बहुत खास होने वाला है। यदि भारत अपने इस मिशन में सफल रहा, तो भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रच देगा। भारत मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाले देशों में अपना नाम दर्ज करा लेगा। आपको बता दें कि इससे पहले यह उपलब्धि केवल तीन देशों के पास है, जिसमें रूस, अमेरिका और चीन शामिल हैं। ISRO ने अभी हाल ही में 8 फरवरी को गगनयान मिशन का टेस्ट किया है, जिसमें यह देखा गया है कि गगनयान को किस तरह से रिकवर किया जाएगा। इस दौरान क्रू मॉड्यूल को पानी की तेज लहरों में छोड़ा गया था। इसमें ही बैठकर लोग 400 किमी की ऊंचाई पर धरती का चक्कर लगाएंगे। बात सुविधाओं की करें तो इसमें खाना गर्म करने और टॉयलेट जैसी सुविधा भी उपलब्ध होगी।
गगनयान मिशन को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। इसका पहला चरण मानवरहित होगा। हालांकि, दूसरे चरण में एक रोबोट जो कि व्योममित्र है, उसे भेजा जाएगा। जबकि तीसरे चरण में अंतरिक्ष में यात्री और रोबोट दोनों को भेजा जाएगा।